5 Simple Techniques For baglamukhi shabhar mantra



शमशान में अगर प्रयोग करना है तब गुरू मत्रं प्रथम व रकछा मत्रं तथा गूड़सठ विद्या होने पर गूड़सठ क्रम से ही प्रयोग करने पर शत्रू व समस्त शत्रुओं को घोर कष्ट का सामना करना पड़ता है यह प्रयोग शत्रुओं को नष्ट करने वाली प्रक्रिया है यह क्रिया गुरू दिक्षा के पश्चात करें व गुरू क्रम से करने पर ही विशेष फलदायी है साघक को बिना छती पहुँचाये सफल होती है।

चन्द्रोद्-भासित-मूर्धजां रिपु-रसां मुण्डाक्ष-माला-कराम् ।

ज्वलत्-पद्मासन-युक्तां कालानल-सम-प्रभाम् । चिन्मयीं स्तम्भिनीं देवीं, भजेऽहं विधि-पूर्वकम्।।

तां खेचरां स्मेर-वदनां, भस्मालङ्कार-भूषिताम् । विश्व-व्यापक-तोयान्ते, पीत-पद्मोपरि-स्थिताम् ।।

The phrase 'Shabar' emanates from the Hindi language and refers to a specific form of mantra that is straightforward, helpful, and straightforward to pronounce. These mantras had been generally utilized by the widespread people who weren't well-versed in Vedic rituals and Sanskrit chants.

But the fact is different, these Vedic mantras are acknowledged in the Vedic astrology like a remedy to resolve intricate challenges arising resulting from planetary placements, features, conjunctions and planetary intervals( dashas) along with with Yantras and Gemstones.

भावार्थ:-जिन शिव-पार्वती ने कलियुग को देखकर जगत के हित के लिए शाबर मन्त्र समूह की रचना की; जिन मंत्रों के अक्षर बेमेल हैं, जिनका न कोई ठीक अर्थ होता है और न जप ही होता है, तथापि श्री शिवजी के प्रताप से जिनका प्रभाव प्रत्यक्ष है॥ सहज और सरल भाषा में रचित ये मत्रं अत्यधिक विशेष प्रभाव शाली है। तत्रं विघा को जानने वाले शाबर मंत्रों का विशेष महत्व जानते हैं अत्यधिक प्रभाव शाली माँ पिताम्बरा बगलामुखी के यह मत्रं अपने आप में चमत्कृत है। यदि किसी व्यक्ति विशेष के कारण शत्रु पग-पग पर कष्ट देते है उस पर हावी होते है, तथा हर प्रकार से नीचा दिखाने की चेष्टा करते हों, या षड्यंत्र करके पुलिस कोर्ट कचहरी में फसा देते है तब उसे बगलामुखी दिक्षा उपरांत शाबर मंत्र की साधना करनी चाहिए। यदि किसी के शत्रु अस्त्र आदि लेकर सामने आते हों और उसके सामने प्राण का संकट खड़ा हो जाता हो तथा कोई उसकी जीविका को व्यापार को तत्रं द्वारा नष्ट बंधन प्रयोग कर रहा है तब शत्रुओं को उनके बाल प्रभाव नष्ट करना चाहिए ,जब कोई असाहय हो या सब तरफ से शत्रुओं में घिर जाए और उसे बचने का कोई उपाय न सूझे, तो ऐसी भयंकर विपत्ति में ही बगलामुखी साधना करनी चाहिए क्योंकि।

In contrast to Sanskrit mantras, that happen to be generally Employed in Vedic rituals and ceremonies, Shabar Mantras are in day to day usage and will be comprehended and sung by everyone.

इस परिशिष्ट में जिन मन्त्रों का उल्लेख किया जा रहा है, वे लोक- परम्परा से सम्बद्ध भगवती-उपासकों द्वारा पुनः-पुनः सराहे गए हैं। इन मन्त्रों का प्रभाव असंदिग्ध है, जबकि इनके साधन में औपचारिकताएं नाम मात्र की हैं। यदि भगवती बगलाम्बा के प्रति पूर्ण आस्था एवं श्रद्धा-भाव रखते हुए इन मन्त्रों की साधना की जाए, तो कोई कारण नहीं है कि साधक को उसके अभीष्ट की प्राप्ति न हो।

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 इस मंत्र का प्रयोग आजमाने हेतु या निरपराधी व्यक्ति पर भूल कर न करें नहीं तो दुष्परिणाम भोगने ही पड़ जाता है।

oṃ sau sau sutā samundara ṭāpū, ṭāpū meṃ thāpā, siṃhāsana pīlā, siṃhāsana pīle ūpara kauna baise? siṃhāsana pīlā ūpara bagalāmukhī baise। bagalāmukhī ke kauna saṃgī, kauna sāthī? kaccī baccī kāka kutiā svāna ciड़iyā। oṃ bagalā bālā hātha mudagara māra, śatru-hṛdaya para svāra, tisakī jihnā khiccai। bagalāmukhī maraṇī-karaṇī, uccāṭana dharaṇī , ananta koṭi siddhoṃ ne mānī। oṃ bagalāmukhīrame brahmāṇī bhaṇḍe, candrasūra phire khaṇḍe-khaṇḍe, bālā bagalāmukhī namo namaskāra।

शमशान में बगलामुखी प्रयोग हेतु मूल, आद्र्रा या भरणी नक्षत्र में शनिवार को ही प्रथम श्मशान से मिट्टी लाकर दीपक बनाना चाहिए,एसा केई बार देखा है कि इस मंत्र के प्रयोग से बलवान से बलवान भी शत्रुओं का समूह नष्ट हो जाता है

वादी click here मूकति, रङ्कति क्षिति-पतिर्वैश्वानरः शीतति ।

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